श्री गंगानगर: पंजाब में बाबा रामदेव जी की फेरी के दौरान राजिंदर ऑलसिखा की पत्नी अंजू ऑलसिखा का भीषण एक्सीडेंट हुआ था। गंभीर हालत में अंजू को सादुलसर मटीली के सरकारी अस्पताल में एडमिट किया गया था, लेकिन बाद में रेफर कर के श्रीगंगानगर गवर्नमेंट हॉस्पिटल भेजा गया, जहां इलाज शुरू नहीं हो पाया। इसके बाद एक सामाजिक संस्था के सदस्यों की मदद से ओम साईं हॉस्पिटल में इलाज शुरू हुआ, जहां करीब 5 लाख रुपए से ज्यादा का खर्च आया। डॉक्टरों ने शुरू में बताया था कि अंजू के बचने के 99% चांस नहीं थे, लेकिन राजिंदर ने भगवान से प्रार्थना की और उसकी पत्नी को बचा लिया।

इस घातक घटना के बाद, राजिंदर ने समाज सेवा की दिशा में कदम बढ़ाया और “भगत सिंह रेस्क्यू टीम” की स्थापना की। टीम ने गंगानगर में रक्तदान अभियान और लावारिस शवों के अंतिम संस्कार जैसे कई समाजसेवी कार्य किए। राजिंदर का मानना है कि भगवान नहीं होते, सिर्फ माता-पिता ही भगवान होते हैं। उनके अनुसार, अंजू के माता-पिता ने सबसे ज्यादा समर्थन दिया है और वे अब भी एक साथ रहते हैं।

अंजू की वर्तमान उम्र 23 साल है और एक्सीडेंट के बाद उनकी याददाश्त कुछ समय के लिए चली गई थी, लेकिन अब वे पूरी तरह से ठीक हैं। अंजू का सपना है कि वे एक सिंगर बने और अब वे अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी रह रही हैं।

यह कहानी जीवन के संघर्ष और परिवार की ताकत की मिसाल पेश करती है, और समाज सेवा की दिशा में एक प्रेरणा बनकर उभर रही है।